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इस्राएल का अतुलनीय परमेश्वर
saiah (यशायाह) 40: 25-31. | Dated :- 26042015.
25 . इसलिये तुम मुझे किसके समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूँ ? उस पवित्र का यही वचन है ।
26.अपनी आँखें ऊपर उठाकर देखो, किसने इनको सिरजा ? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है ? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उनमें से कोई बिना आए नहीं रहता ।
27. हे याकूब तू क्यों कहता है, हे इस्राएल, तू क्यों बोलता है, " मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता ?"
28. क्या तुम नहीं जानते ? क्या तुमने नहीं सुना ? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुध्दि अगम है ।
29.वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है ।
30. तरुण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;
31. परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे ।
25 “To whom will you compare me? Or who is my equal?” says the Holy One.
26 Lift up your eyes and look to the heavens: Who created all these? He who brings out the starry host one by one and calls forth each of them by name. Because of his great power and mighty strength, not one of them is missing.
27 Why do you complain, Jacob? Why do you say, Israel, “My way is hidden from the Lord; my cause is disregarded by my God”?
28 Do you not know? Have you not heard? The Lord is the everlasting God, the Creator of the ends of the earth. He will not grow tired or weary, and his understanding no one can fathom.
29 He gives strength to the weary and increases the power of the weak.
30 Even youths grow tired and weary, and young men stumble and fall;
31 but those who hope in the Lord will renew their strength. They will soar on wings like eagles; they will run and not grow weary, they will walk and not be faint. |
वचनों का व्याख्यान |
जुबिलाते (Jubilate ) --
● बड़ी खुशी और आनन्द प्रगट करना तथा हर्षोल्लास से इस दिन को मनाना ।
●परमेश्वर के सम्मुख ऊँचे स्वर से स्तुति के गीत व भजन कीर्तन करना।
● यीशु मसीह के पुरूत्थान के बाद 1ला और 2रा रविवार तक "पुरूत्थान पर्व" मनाया जाता है ।
●यीशु मसीह के पुरूत्थान के बाद 3रा सप्ताह में " जुबिलाते रविवार " मनाया जाता है ।
● 17 वीं शताब्दी के मध्य से जुबिलाते सप्ताह मनाने का परम्परा प्रचलित है ।
● Show/Express great joy/ happiness, rejoice.
● Psalms-100* is used as a canticle (भजन) in the liturgy. (पुरूत्थान गीत)
● Jubilate is the 3rd Sunday after Easter. (Shout with joy to God, all the Earth)--Psalms-66*
● Second Coming - 1Pe2:11-20 & Jn16:16-23. |
यशायाह नबी का परिचय---
✔यशायाह का अर्थ -- "प्रभु का दास " यशायाह नबी का जन्म एक प्रभावशाली, उच्च वर्गीय परिवार में हुआ था ।
✔यशायाह, यहूदा के राजदरबार में एक सलाहकार था । वह राष्ट्र के विदेशी मामलों में परामर्श दिया करता था और राजकीय व्यक्तियों से मेल- जोल था।
✔यीशु मसीह के जन्म -स्थान के रुप में " बेतलेहेम" का नाम घटना से करीब 700 वर्ष पहले बता दिया था। (Micah.5:2)
✔"यहोवा (प्रभु )का दास" यशायाह (यशायाह; यिर्मयाह; यहेजकेल तथा दानिय्येल) बड़े नबियों में से अग्रणी स्थान पर है ।
✔यशायाह के समय तक इस्राएली राष्ट्र 02 राज्यों में बँट गया था ----
1.उत्तरी राज्य की राजधानी --सामरिया ।
2 .दक्षिणी राज्य की राजधानी -यरुशलेम।
✔निवासी --- यरुशलेम ।
✔ पिता ---*आमोस * Amoz (Isa.1:1)
✔पत्नी--- नबिया । *Prophetess(Isa.8:3)
✔पुत्र -- 02
1.Shear-Jashub.
*शार्याशूल*(Isa.7:3) which means "a remnant shall return".
2. MAHER-SHALAL-HASH-BAZ.
* महेर्शालाल्हाशबज * (Isa.8:3) which means "the spoil speedeth the prey hasteth "
✔वह धर्मी व्यक्ति था और उस समय की सामाजिक बुराइयों का विरोध करता था।
✔ यशायाह ने उज्जियाह के मृत्यु (ई.पू.740) के वर्ष में अपना कार्यक्रम आरम्भ किया था और बाद में राजाओं - योताम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों तक कार्य करता रहा।(Isa.1:1,6:1)
✔करीबन 64 वर्षों तक(739BC - 686BC) भविष्यवाणी करता रहा ।
✔यशायाह की पुस्तक में लगभग 200 वर्ष के लम्बे समय का वर्णन है जो यहूदा के बंधुआ बनाकर बेबीलोन को ले जाए जाने तथा बाद में बंधुवाई से छूटकर पलस्तीन में पहुँचने तक का वर्णन है ।
✔ यशायाह नबी की पुस्तक को "छोटा बाइबल" के नाम से भी जाना जा रहा था।
✔मृत्यु - यहूदी परम्परागत विश्वास के अनुसार कहा जाता है कि दुष्ट मनश्शे के राज्यकाल में उसकी हत्या एक खोखली लकड़ी के भीतर डालकर, आरे से उसे 02 टुकड़ों में चीर कर की गई थी । |
Isa40:25- इसलिये तुम मुझे किसके समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूँ ? उस पवित्र का यही वचन है।
<->उस पवित्र का (The Holy One)- परमेश्वर के नाम की उपाधि है जैसे --
1.Everlasting God(सनातन परमेश्वर) --- Ge21:33
2.The Lord- YHWH Names for Deity--Ezk10:18-19
3.The Creator (सृष्टिकर्ता)
✔ परमेश्वर के समान कौन है ?
<-> परमेश्वर स्वयं
Isa40:25 में वचन के शुरूआत में यह प्रश्न कर रहे हैं कि ----- "इसलिये तुम मुझे किसके समान बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूँ ? उस पवित्र का यही वचन है।"
oपरमेश्वर की तुलना हम किससे करें?
- क्या उन स्वर्गदूतों के बारे में जो मीकाएल (Michael) और ज़िब्राईल (Gabriel)के सन्दर्भ में हैं ? क्या वे परमेश्वर के तुल्य हैं ? नहीं, बिल्कुल भी नहीं हैं । हाँ, वे निष्पाप हैं और वे परमेश्वर की ज्योतिमय महिमा के एक घेर (Bit) को प्रदर्शित करते हैं ,परन्तु यह ज्योतिमय महिमा के एक अंश भी उनका अपना नही है और न ही वे परमेश्वर के अधिकार के बिना कोई भी विशेष कार्य सम्पन्न कर सकता है।
✔स्वर्गदूत (Angels)- स्वर्गीय और आत्मिक राज्य में स्वर्गदूत, परमेश्वर के दास और संदेश-वाहक हैं । वहाँ परमेश्वर की निरंतर उपासना और सेवा करने में उन्हें सच्चा संतोष प्राप्त होता है । मनुष्य से पहिले उनकी सृष्टि की गई थी और वे मनुष्य से उच्च श्रेणी में गिने जाते हैं तथा असंख्य है ।(Ps103:20, 148:2, Isa6:2-3, Dn7:10, Lk12:8-9, Col1:16,Heb12:22 & Rev4:8.
✔मीकाएल (Michael)--
(a)बाइबल के प्रायः सभी स्थलों पर जहाँ मीकाएल का नाम पाया जाता है वहाँ वह परमेश्वर के शत्रुओं का विरोध करता हुआ दिखाई देता है। मीकाएल ने उस दुष्ट आत्मा का सामना करके परमेश्वर के दूत को दानिय्येल तक पहुँचने में सहायता दी है ।Dn10:12-14, Dn10:20-21, Dn12:1.
(b)शैतान ने मूसा का देह का दावा किया तो मीकाएल ने फिर परमेश्वर के जन की ओर से उसका विरोध किया-Jude9.
(c)आत्मिक जगत के सन्दर्भ में विरोध के समय मीकाएल परमेश्वर के लोगों की ओर से शैतान और उसके अपदूतों से लड़ता है -Rev12:7-9.
✔ ज़िब्राईल (Gabriel)-
(a)परमेश्वर ने जिब्राईल को प्रयोग किया कि वह परमेश्वर के उद्देश्य को प्रकट करे। उसने मसीह के अग्रदूत के आगमन के बारे में जकर्याह को बतलाया-
Lk1:1-20.
(b)Lk1:18-19-
18 जकरयाह ने स्वर्गदूत से पूछा; यह मैं कैसे जानूं? क्योंकि मैं तो बूढ़ा हूं; और मेरी पत्नी भी बूढ़ी हो गई है।
19 स्वर्गदूत ने उस को उत्तर दिया, कि मैं जिब्राईल हूं, जो परमेश्वर के साम्हने खड़ा रहता हूं; और मैं तुझ से बातें करने और तुझे यह सुसमाचार सुनाने को भेजा गया हूं।
o और फिर उसने मरियम को स्वंय प्रभु यीशु मसीह के आगमन के संबंध में सूचना दी -
Lk1:26-38.
oक्या मनुष्यों के बारे में? बाइबल हमें बतलाती है कि आदि में परमेश्वर ने आदम और हवा की सृष्टि की और उन्हें अपने स्वरूप में बनाया
Ge5:1. किन्तु जब हम खुद को शुद्ध और पवित्रता के साथ परमेश्वर के सम्मुख लाते हैं तो परमेश्वर की दिव्य ईश्वरीय गुणों के द्वारा हमारे सारे पापों को मिटा देता है ।
(a)परमेश्वर अदृश्य 'शक्ति ' नहीं है परन्तु उसका व्यक्तित्व है। उसमें ज्ञान, सामर्थ्य और भावनाएँ भी है ।
(b) मनुष्य में भी ज्ञान, सामर्थ्य और भावनाएँ होती है परन्तु इसका अर्थ नहीं है कि परमेश्वर मनुष्य समान है। इसके विपरीत मनुष्य में ये गुण इसलिये हैं क्योंकि परमेश्वर ने ही दिये हैं, और मनुष्य को परमेश्वर ने बनाया है।
(c) सृष्टि का कोई कार्य या मनुष्य और स्वर्गदूतों का कार्य न उसमें कुछ जोड़ सकता है और न उसमें से कुछ घटा सकता है ।
(d)हम परमेश्वर के तुल्य कुछ भी नहीं हैं।
(e)नहीं, कोई एक भी नही है, न हममें से कोई एक परमेश्वर के समान है।
(f)परमेश्वर की दिव्य-शक्ति और महिमा से तुलना कोई भी मनुष्य नही कर सकता है।
--Isa6:3--
1 जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया।
2 उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे।
3 और वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।
-Isa6:9-11-
9 उसने कहा, जा, और इन लोगों से कह, सुनते ही रहो, परन्तु न समझो; देखते ही रहो, परन्तु न बूझो।
10 तू इन लोगों के मन को मोटे और उनके कानों को भारी कर, और उनकी आंखों को बन्द कर; ऐसा न हो कि वे आंखों से देखें, और कानों से सुनें, और मन से बूझें, और मन फिरावें और चंगे हो जाएं।
11 तब मैं ने पूछा, हे प्रभु कब तक? उसने कहा, जब तक नगर न उजड़े और उन में कोई रह न जाए, और घरों में कोई मनुष्य न रह जाए, और देश उजाड़ और सुनसान हो जाए, |
Isa40:26-- अपनी आँखें ऊपर उठाकर देखो, किसने इनको सिरजा ? वह इन गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले लेकर बुलाता है ? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उनमें से कोई बिना आए नहीं रहता ।
Lift up your eyes ( आँखें ऊपर उठाकर देखो )-- परमेश्वर ने वचन के सृजनात्मक शक्ति से चौथे दिन में समय-निर्धारण तथा पृथ्वी पर प्रकाश के लिये आकाश में ज्योतियाँ , तारे,सूरज आदि बनाया।
--Ge1:16--( 4th Day)
14 फिर परमेश्वर ने कहा, दिन को रात से अलग करने के लिये आकाश के अन्तर में ज्योतियां हों; और वे चिन्हों, और नियत समयों, और दिनों, और वर्षों के कारण हों।
15 और वे ज्योतियां आकाश के अन्तर में पृथ्वी पर प्रकाश देने वाली भी ठहरें; और वैसा ही हो गया।
16 तब परमेश्वर ने दो बड़ी ज्योतियां बनाईं; उन में से बड़ी ज्योति को दिन पर प्रभुता करने के लिये, और छोटी ज्योति को रात पर प्रभुता करने के लिये बनाया: और तारागण को भी बनाया।
17 परमेश्वर ने उन को आकाश के अन्तर में इसलिये रखा कि वे पृथ्वी पर प्रकाश दें, 18 तथा दिन और रात पर प्रभुता करें और उजियाले को अन्धियारे से अलग करें: और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है।
--s8:3--
1 हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तू ने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है।
2 तू ने अपने बैरियों के कारण बच्चों और दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नेव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेने वालों को रोक रखे।
3 जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं;
4 तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?
5 क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।
6 तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है।
--Jer31:35--
35 जिसने दिन को प्रकाश देने के लिये सूर्य को और रात को प्रकाश देने के लिये चन्द्रमा और तारागण के नियम ठहराए हैं, जो समुद्र को उछालता और उसकी लहरों को गरजाता है, और जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है, वही यहोवा यों कहता है:
36 यदि ये नियम मेरे साम्हने से टल जाएं तब ही यह हो सकेगा कि इस्राएल का वंश मेरी दृष्टि में सदा के लिये एक जाति ठहरने की अपेक्षा मिट सकेगा।
37 यहोवा यों भी कहता है, यदि ऊपर से आकाश मापा जाए और नीचे से पृथ्वी की नेव खोद खोदकर पता लगाया जाए, तब ही मैं इस्राएल के सारे वंश को अनके सब पापों के कारण उन से हाथ उठाऊंगा।
- परमेश्वर समस्त तारों और नक्षत्रों को नियंत्रित करता है।इसलिये वे परमेश्वर के तुल्य नहीं है ।
- परमेश्वर ने सब वस्तुओं की सृष्टि की है और वह सब वस्तुओं पर नियंत्रण रखता है इसलिए कहा गया है कि परमेश्वर स्वर्ग में अपने महिमा और गौरवशाली सिंहासन पर विराजमान है ।
-परमेश्वर की सामर्थ्य की तुलना नहीें की जा सकती है। |
Isa40:27- हे याकूब तू क्यों कहता है, हे इस्राएल, तू क्यों बोलता है, " मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता ?"
- यहूदियों(हे याकूब; हे इस्राएल ) का विचार है कि यहोवा उन्हें त्याग दिया ।
-Ge32:28--परमेश्वर से मल्ल-युध्द -
28- उसने कहा तेरा नाम अब याकूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर से और मनुष्यों से भी युद्ध कर के प्रबल हुआ है।
-Isa49:14-15 - सिय्योन -त्यागी हुई स्त्री-
13 हे आकाश, जयजयकार कर, हे पृथ्वी, मगन हो; हे पहाड़ों, गला खोल कर जयजयकार करो! क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को शान्ति दी है और अपने दीन लोगों पर दया की है॥
14 परन्तु सिय्योन ने कहा, यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है।
15 क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूधपिउवे बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हां, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता। यहोवा उनके मुख को कुछ अवधि के लिए छिपा लिया है ।
-Isa1:15-
14 तुम्हारे नये चांदों और नियत पर्वों के मानने से मैं जी से बैर रखता हूं; वे सब मुझे बोझ से जान पड़ते हैं, मैं उन को सहते सहते उकता गया हूं।
15 जब तुम मेरी ओर हाथ फैलाओ, तब मैं तुम से मुंह फेर लूंगा; तुम कितनी ही प्रार्थना क्यों न करो, तौभी मैं तुम्हारी न सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से भरे हैं।
16 अपने को धोकर पवित्र करो: मेरी आंखों के साम्हने से अपने बुरे कामों को दूर करो; भविष्य में बुराई करना छोड़ दो,
17 भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो॥
-Isa8:17-
17 मैं उस यहोवा की बाट जोहता रहूंगा जो अपने मुंख को याकूब के घराने से छिपाये है, और मैं उसी पर आशा लगाए रहूंगा।
18 देख, मैं और जो लड़के यहोवा ने मुझे सौंपे हैं, उसी सेनाओं के यहोवा की ओर से जो सिय्योन पर्वत पर निवास किए रहता है इस्राएलियों के लिये चिन्ह और चमत्कार हैं।
-Isa54:8-
7 क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया करके मैं फिर तुझे रख लूंगा।
8 क्रोध के झकोरे में आकर मैं ने पल भर के लिये तुझ से मुंह छिपाया था, परन्तु अब अनन्त करूणा से मैं तुझ पर दया करूंगा, तेरे छुड़ाने वाले यहोवा का यही वचन है।
-Ro9:11-
8 अर्थात शरीर की सन्तान परमेश्वर की सन्तान नहीं, परन्तु प्रतिज्ञा के सन्तान वंश गिने जाते हैं।
9 क्योंकि प्रतिज्ञा का वचन यह है, कि मैं इस समय के अनुसार आऊंगा, और सारा के पुत्र होगा।
10 और केवल यही नहीं, परन्तु जब रिबका भी एक से अर्थात हमारे पिता इसहाक से गर्भवती थी।
11 और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्होंने कुछ भला या बुरा किया था कि उस ने कहा, कि जेठा छुटके का दास होगा।
12 इसलिये कि परमेश्वर की मनसा जो उसके चुन लेने के अनुसार है, कर्मों के कारण नहीं, परन्तु बुलाने वाले पर बनी रहे।
13 जैसा लिखा है, कि मैंने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसाव को अप्रिय जाना॥ |
Isa40:28- क्या तुम नहीं जानते ? क्या तुमने नहीं सुना ? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता है, उसकी बुध्दि अगम है ।
1.Everlasting God-
-Ge21:33- 33 और इब्राहीम ने बेर्शेबा में झाऊ का एक वृक्ष लगाया, और वहां यहोवा, जो सनातन ईश्वर है, उससे प्रार्थना की।
-Ex15:18- 18 यहोवा सदा सर्वदा राज्य करता रहेगा॥
-Deut32:40-
39 इसलिये अब तुम देख लो कि मैं ही वह हूं, और मेरे संग कोई देवता नहीं; मैं ही मार डालता, और मैं जिलाता भी हूं; मैं ही घायल करता, और मैं ही चंगा भी करता हूं; और मेरे हाथ से कोई नहीं छुड़ा सकता।
40 क्योंकिं मैं अपना हाथ स्वर्ग की ओर उठा कर कहता हूं, क्योंकि मैं अनन्त काल के लिये जीवित हूं,
-Ps90:2- 2 इससे पहिले कि पहाड़ उत्पन्न हुए, वा तूने पृथ्वी और जगत की रचना की, वरन अनादिकाल से अनन्तकाल तक तू ही ईश्वर है।
-Jer10:10- 10 परन्तु यहोवा वास्तव में परमेश्वर है; जीवित परमेश्वर और सदा का राजा वही है। उसके प्रकोप से पृथ्वी कांपती है, और जाति जाति के लोग उसके क्रोध को सह नहीं सकते।
2.The Lord- YHWH Names for Deity-
-Ezk10:18-19-
18 यहोवा का तेज भवन की डेवढ़ी पर से उठ कर करूबों के ऊपर ठहर गया।
19 और करूब अपने पंख उठा कर मेरे देखते देखते पृथ्वी पर से उठ कर निकल गए; और पहिये भी उनके संग संग गए, और वे सब यहोवा के भवन के पूवीं फाटक में खड़े हो गए; और इस्राएल के परमेश्वर का तेज उनके ऊपर ठहरा रहा।
-Ezk11:22-23-
22 इस पर करूबों ने अपने पंख उठाए, और पहिये उनके संग संग चले; और इस्राएल के परमेश्वर का तेज उनके ऊपर था।
23 तब यहोवा का तेज नगर के बीच में से उठ कर उस पर्वत पर ठहर गया जो नगर की पूर्व ओर है।
-Ezk43:1-3-
1 फिर वह मुझ को उस फाटक के पास ले गया जो पूर्वमुखी था।
2 तब इस्राएल के परमेश्वर का तेज पूर्व दिशा से आया; और उसकी वाणी बहुत से जल की घरघराहट सी हुई; और उसके तेज से पृथ्वी प्रकाशित हुई।
3 और यह दर्शन उस दर्शन के तुल्य था, जो मैं ने उसे नगर के नाश करने को आते समय देखा था; और उस दर्शन के समान, जो मैं ने कबार नदी के तीर पर देखा था; और मैं मुंह के बल गिर पड़ा।
- Jer31:31-34-
31 फिर यहोवा की यह भी वाणी है, सुन, ऐसे दिन आने वाले हैं जब मैं इस्राएल और यहूदा के घरानों से नई वाचा बान्धूंगा।
32 वह उस वाचा के समान न होगी जो मैं ने उनके पुरखाओं से उस समय बान्धी थी जब मैं उनका हाथ पकड़ कर उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया, क्योंकि यद्यपि मैं उनका पति था, तौभी उन्होंने मेरी वह वाचा तोड़ डाली।
33 परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद इस्राएल के घराने से बान्धूंगा, वह यह है: मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में समवाऊंगा, और उसे उनके हृदय पर लिखूंगा; और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा, और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, यहोवा की यह वाणी है।
34 और तब उन्हें फिर एक दूसरे से यह न कहना पड़ेगा कि यहोवा को जानो, क्योंकि, यहोवा की यह वाणी है कि छोटे से लेकर बड़े तक, सब के सब मेरा ज्ञान रखेंगे; क्योंकि मैं उनका अधर्म क्षमा करूंगा, और उनका पाप फिर स्मरण न करूंगा।
3.The Creator 4.The Holy One
-->अब परमेश्वर का यह प्रतिज्ञा है - " वह न थकता, न श्रमित होता है" - यह भी इब्रानियों का मुहावरा है जिसका अर्थ है -- "वे अपनी धैर्य नहीं खोते हैं ।" (He does not lose patience.) जो यहोवा पर आशा तथा विश्वास करते हैं उन्हें यहोवा शक्ति और स्थिरता प्रदान करता है ।यहोवा अपनी प्रजा को जीवन प्रदान करता है क्योंकि वह सर्वशक्तिमान् है।
(a) Inscrutable(गूढ़, अगम्य, रहस्यमय )
(b) No searching His understanding ( समझ से परे , अक्ल से बाहर)
(c) Unsearchable(जिसकी तलाश न किया जा सके )
(d) Beyond fathoming(गहराई को थाह पाना असंभव है)
-Job5:9 -
9 वह तो ऐसे बड़े काम करता है जिनकी थाह नहीं लगती, और इतने आश्चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जाते।
10 वही पृथ्वी के ऊपर वर्षा करता, और खेतों पर जल बरसाता है।
-Job9:10 -
7 उसकी आज्ञा बिना सूर्य उदय होता ही नहीं; और वह तारों पर मुहर लगाता है;
8 वह आकाशमण्डल को अकेला ही फैलाता है, और समुद्र की ऊंची ऊंची लहरों पर चलता है;
9 वह सप्तर्षि, मृगशिरा और कचपचिया और दक्खिन के नक्षत्रों का बनाने वाला है।
10 वह तो ऐसे बड़े कर्म करता है, जिनकी थाह नहीं लगती; और इतने आश्चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जा सकते।
-Job36:26-
26 देख, ईश्वर महान और हमारे ज्ञान से कहीं परे है, और उसके वर्ष की गिनती अनन्त है।
27 क्योंकि वह तो जल की बूंदें ऊपर को खींच लेता है वे कुहरे से मेंह होकर टपकती हैं,
28 वे ऊंचे ऊंचे बादल उंडेलते हैं और मनुष्यों के ऊपर बहुतायत से बरसाते हैं।
29 फिर क्या कोई बादलों का फैलना और उसके मण्डल में का गरजना समझ सकता है?
30 देख, वह अपने उजियाले को चहुँ ओर फैलाता है, और समुद्र की थाह को ढांपता है।
31 क्योंकि वह देश देश के लोगों का न्याय इन्हीं से करता है, और भोजन वस्तुएं बहुतायत से देता है।
-Ps145:3 - 3 यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है॥
-Ro11:33 - 33 आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं!
-Isa40:13-14-
13 किस ने यहोवा की आत्मा को मार्ग बताया वा उसका मन्त्री हो कर उसको ज्ञान सिखाया है?
14 उसने किस से सम्मति ली और किस ने उसे समझाकर न्याय का पथ बता दिया और ज्ञान सिखा कर बुद्धि का मार्ग जता दिया है?
-- परमेश्वर के ज्ञान और उसकी उपस्थिति की कोई सीमा नहीं है।यह भय और आनन्द दोनों का कारण है -- भय का इसलिये कि कोई भी पाप उससे नहीं छिप सकता और आनन्द का इसलिये कि जो लोग उसकी दया व करूणा पर भरोसा रखते हैं वे उससे कभी दूर नही किये जायेंगे ।
-- परमेश्वर की बुध्दि अनन्त है और इसलिए मनुष्य की समझ से परे है, मनुष्य उसे पूर्णतः नहीं समझ सकता।
-- परमेश्वर अबोधगम्य है और अगम्य ज्योति में निवास करता है । |
Isa40:29 - वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है । "वह थके हुए को बल देता है" अर्थात् यहोवा हर एक को शांति और सान्त्वना देता है और न्याय करता है ।
- Isa41:10 - 10 मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूँ, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूँ; मैं तुझे दृढ़ करूँगा और तेरी सहायता करूँगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूँगा।
- Ps107:9 - 9 क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है।
- Jer31:25 -
25 क्योंकि मैंने थके हुए लोगों का प्राण तृप्त किया, और उदास लोगों के प्राण को भर दिया है। यीशु मसीह इस वचन को पूरा करता है कि-
- Mt11:28-30 -
28 हे सब परिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा ।
29 मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझसे सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूँ : और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।
30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है। |
Isa40:30 - तरुण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; "जवान ठोकर खाकर गिरते हैं"
(a)मैराथन दौड़ (Marathon Race)-
(i) यह एक लम्बी-दूरी दौड़ प्रतियोगिता है ।
(ii) वर्ष 1924 से 42.195KM (26 Miles and 385yards;26.22Miles) की लम्बी दूरी की दौड़ पूरा करना निर्धारित किया गया है ।
(iii) सामान्यतः मैराथन दौड़ को सड़क दौड़ प्रतियोगिता (a road race) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह प्रतियोगिता सड़क पर ही दौड़ा जाता है।
(iv) यह लम्बी-दूरी मैराथन दौड़ प्रतियोगिता की शुरूआती स्थान से अन्तिम स्थान तक लगातार दौड़ते हुए पूरा करना होता है जो बहुत ही कठिन और जोखिम भरा होता है, अतः प्रतियोगियों को मैराथन दौड़ में संघर्ष करते हुए थकते, श्रमित तथा ठोकर खाते हैं ।
(v) मैराथन दौड़ में प्रतियोगियों की संख्या बहुत अधिक हजारों में होता है। Tens of Thousands (1000<+> or <->)
(vi) मैराथन-दौड़ प्रतियोगिता में अधिकांश प्रतियोगियों को अन्तिम लक्ष्य तक पहुँचने के पूर्व घायल हो जाते हैं और कईयों की मृत्यु भी हो जाती है ।
(b)मैराथन-दौड़ में प्रतियोगियों द्वारा दौड़ शुरू किया जाता हैं तो अपनी शक्ति का भरपूर प्रदर्शन करते हैं और वे दौड़ की जीत के लिए संघर्ष करते रहते हैं ।कुछ प्रतियोगी दूसरों से अधिक सहनशील होते हैं । लेकिन प्रत्येक की अपनी अपनी सहन करने की क्षमता होती है ।
(c)इसी तरह सत्य के मार्ग पर चलने वाले अनेक कठिनाइयों का सामना व सहन करना पड़ता है ।चाहे बूढ़े या जवान, पुरूष या स्त्री, बीमार या स्वस्थ, धनी या गरीब हो। हम सभों को परीक्षाओं और कठिनाइयों का सामना करना ही पड़ता है। जिसमें हम अक्सर ही गिरते हैं इसलिए हम यीशु मसीह पर भरोसा रखते हुए आगे बढ़ते जाएँ। |
Isa40:31 - परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे, वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे । "जो यहोवा की बाट (wait) जोहते हैं"
--> किसान अच्छी फसल पाने का इंतजार करते हैं -
-Isa5:4,7 -
4 मेरी दाख की बारी के लिये और क्या करना रह गया जो मैंने उसके लिये न किया हो? फिर क्या कारण है कि जब मैंने दाख की आशा की तब उसमें निकम्मी दाखें लगीं?
7 क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है; और उसने उनमें न्याय की आशा की। परन्तु अन्याय देख पड़ा; उसने धर्म की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी!
--> चोर चोरी करने के लिये सेंध मारने का अवसर ढुँढ़ते हैं -
- Ps56:6 - वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानों वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठें हों।
- Ps119:95 - दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं।
--> परमेश्वर के लोग यहोवा का प्रतिक्षा करते रहते हैं -
- sa8:17 - मैं उस यहोवा की बाट जोहता रहूंगा जो अपने मुख को याकूब के घराने से छिपाये है, और मैं उसी पर आशा लगाए रहूंगा।
- Isa25:9 - और उस समय यह कहा जाएगा, देखो, हमारा परमेश्वर यही है; हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे। यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए हैं। हम उससे उद्धार पाकर मगन और आनन्दित होंगे।
- Isa30:18 - तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊंचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं॥
- Isa33:2 - 2 हे यहोवा, हम लोगों पर अनुग्रह कर; हम तेरी ही बाट जोहते हैं। भोर को तू उनका भुजबल, संकट के समय हमारा उद्धारकर्त्ता ठहर।
✔ "वे नया बल प्राप्त करते जाएँगे"
1.To exchange (अदला-बदला)
- Lev27:10 - वह उसे किसी प्रकार से न बदले, न तो वह बुरे की सन्ती अच्छा, और न अच्छे की सन्ती बुरा दे; और यदि वह उस पशु की सन्ती दूसरा पशु दे, तो वह और उसका बदला दोनों पवित्र ठहरेंगे।
2.To change (बदलना)
- Ge31:7 - और तुम्हारे पिता ने मुझ से छल करके मेरी मजदूरी को दस बार बदल दिया; परन्तु परमेश्वर ने उसको मेरी हानि करने नहीं दिया।
- Ge31:41- बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहा; चौदह वर्ष तो मैं ने तेरी दोनो बेटियों के लिये, और छ: वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिये सेवा की: और तूने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला।
- Ge35:2 - तब याकूब ने अपने घराने से, और उन सबसे भी जो उसके संग थे, कहा, तुम्हारे बीच में जो पराए देवता हैं, उन्हें निकाल फेंको ; और अपने अपने को शुद्ध करो, और अपने वस्त्र बदल डालो
; - वे उकाबों के समान -
Ps103:5- वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिससे तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है। परमेश्वर के नियंत्रण में ही सब कुछ है । परमेश्वर का मार्ग सत्य है और उसके विचार भी अथाह सागर है। कोई अनोखा नहीं है और न ही कोई गलत है । वह हमें प्यार करता है वह हमारे साथ रहता है और वह हमारे लिए है।(Isa40:29-31) |
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